किसी ने बड़े कमाल की बात कही है
इंसान अगर ठोकर खाने के बाद भी अगर ना सुधरे तो उसकी मर्जी ।
वरना पत्थर ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया था।।
नमस्ते दोस्तों मैं हूं rj vijay
एक छोटी सी कहानी है एक पक्षी की जो रेगिस्तान में बहुत ही बुरे हाल में जी रहा था। उसके पंख जो थे वो भी गिर चुके थे।
एक ऐसी जगह पर था जहां ना तो पीने के लिए पानी था। ना वो उड़कर कहीं जा सकता था। ना कुछ खा सकता था। ऐसा लग रहा था जैसे अपनी अंतिम सांसे गिन रहा था।
तभी उसने आसमान में से उड़ते हुए गरुड़ जी को देखा भगवान विष्णु जी की सवारी गरुड़ जी। आवाज लगाई प्रार्थना की मेरी पुकार सुनिए।
गरुड़ जी आए उसने पूछा क्या हाल हो गया है तो उसने बताया कि भटकते भटकते आ गया था अब यहां पर परेशान हो रहा हूं।
मैं यहां से उड़कर भी कहीं नहीं जा सकता मेरे पंख नहीं बचे हैं। आप कहां जा रहे हैं गरुड़ जी ने बोला मैं तो स्वर्ग जा रहा हूं।
तो उस पक्षी ने कहा ये मत पूछना मैं स्वर्ग कब आऊंगा। आप ये पूछ लीजिएगा मेरा ये हाल कब ठीक होगा ।
आप मेरे लिए कोई जवाब ले करके जरूर वापस आइएगा। मैं आपकी प्रतीक्षा करूंगा।
गरुड़ जी गए स्वर्ग में जब स्वर्ग में गए तो जो देव लोक था वहां जो दरवाजा था वहां देवदूत खड़े थे ।
उन्होंने सोचा बड़ी छोटी सी बात है देवदूत से पूछ लेता हूं गरुड़ जी ने पूछा देवदूतो से की एक जो पक्षी है वो नीचे जहां मृत्यु लोक है । जहां सब लोग मृत्यु के लिए जाते हैं।
वो अपनी मृत्यु के लिए तरस रहा है । वो पक्षी जिसके पंख नहीं बचा है वह पक्षी जो अपने आखरी सांस गिन रहा है। ऐसा क्यों हुआ? वो रेगिस्तान में है बेचारा उड़ भी नहीं सकता ।
देवदूतों ने कहा वो अपने जीवन में कर्म किए थे उसका फल भोग रहा है। बहुत ही क्रूर व्यक्ति था, अब इस जन्म में पक्षी बन गया है।
जो पुराने कर्मों का हिसाब था पाप था अब भुगत रहा है, और 7 साल के लिए उसे सजा मिली है वो मरेगा भी नहीं , लेकिन ढंग से जी भी नहीं पाएगा।
गरुड़ जी को दया आ गई उन्होंने कहा अरे बहुत बुरे हाल में हैं ऐसा मत कीजिए कोई तो उपाय होगा ?
देवदूतों ने कहा एक छोटा सा उपाय है आप उससे कहिएगा हर हाल में एक ही लाइन बोलता रहे, पंक्ति बोलता रहे भगवान तेरा शुक्र है।
गरुड़ जी ने कहा ठीक है। वो जवाब ले करके वापस धरती लोक आए मृत्यु लोक आए ,और जब आए तो उस पक्षी से जाकर पहले बताएं कि आप को हर हाल में कहना है भगवान तेरा शुक्र है।
पक्षी के पास में वैसे भी कोई ऑप्शन तो था नई ,क्या करता बेचारा उसने कहा जरूर। गरुड़ जी अपने काम पर निकल गए 7-8 दिन बाद जब वापस वहां से निकले रहे थे।
तो उनकी नजर थोड़ी उसी रेगिस्तान पर वहां छोटे-छोटे पौधे उग आए थे , एक छोटा सा तालाब का पानी से भरा हुआ। और वह जो पक्षी था उसके भी पंख निकल आए थे छोटे-छोटे पंख निकल आए थे।
गरुड़ जी को आश्चर्य हुआ 7 साल की सजा थी 7 दिन हुए हैं अभी तो फटाफट वहां स्वर्ग पहुंचे वहां दिव्य देवदूत वहां पर खड़े मिले, उनसे कहा एक बात बताओ 7 साल की सजा बता रहे थे 7 दिन हुए नहीं नीचे हाल सुधरने लगे ।
देव दूतों ने कहा हमने एक मंत्र दे दिया था आपने वो मंत्र उसको बता दिया होगा भगवान तेरा शुक्र है।
जब वो पक्षी उड़ने के प्रयास में गर्म रेत पर गिरता तब भी कहता भगवान तेरा शुक्र है। जब उसे पानी नहीं मिलता तब भी बोलता भगवान तेरा शुक्र है।
जब वो हर बात पर भगवान को धन्यवाद को धन्यवाद देने लगा तो भगवान बड़े दयालु हैं,अपने भक्तों को ऐसे मरते हुए नहीं छोड़ सकते ।
उनको मालूम था कि सजा बहुत बड़ी है लेकिन छोटी कर दी 7 साल की सजा 7 दिन के हो गई।
यह कहानी उस पक्षी उस गरुड़ जी की नहीं है यह आपकी हमारी है हम में से बहुत सारे लोग हमेशा ऊपर वाले को कोसते रहते है।
वजाए उनको थैंक्यू करने के अगर आप अपने लाइफ का positive aspect देखना शुरू करेंगे सोचना शुरू करेंगे मेरे जीवन में बहुत कुछ है जो बहुतों के जीवन में नहीं है तू मुझे लगता है।
शायद आप अपने लाइफ में खुशियां ऐड करते जाएंगे मान लीजिए आपका सर दर्द हो रहा है तभी आप कहते हैं भगवान तेरा शुक्र है ।
सिर्फ सर दर्द हो रहा है बुखार नहीं है तो भी आप लाइफ का एक positive aspect जो है उसे देख रहे होते हैं। जीवन में सकारात्मकता का साथ कभी मत छोड़िए क्योंकि जो उम्मीद के साथ छोड़ देता है जिंदगी उसका साथ छोड़ देती है ।
एक बार फिर से वही बात जो अक्सर मैं आप से कहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद अपने सच्ची मेहनत और अपनों के प्यार के साथ
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