किसी ने कमाल की बात कही है।
जीत फीकी लगती है जब कोई बधाई देने वाला ना हो ।
और वो हार ही सुंदर लगती है जब कोई अपना साथ खड़ा हो।।
हाय गाइस मेरा नाम है Rjvijay
और आपके लिए एक छोटी सी कहानी।
ये कहानी है एक राज्य के राजा की और उसके बुद्धिमान मंत्री की जिस मंत्री को सौदे करने का काम दे रखा था।
एक तरीके से वित्त मंत्री था। सारे जो सऊदी थे बिजनेस थे वही मैनेज (manage) करता था।लेकिन किसी ने आकर के राजा के कान भर दिये।
कि आपका मंत्री जो है ईमानदारी के चक्कर में आप नुकसान करवा रहा है। आपको आपको सिर्फ और सिर्फ घाटा झेलना पड़ रहा है ।
तो आप एक घाटा झेल क्यों रहे है । आप इस मंत्री को बदल क्यों नहीं देते हैं। राजा ने उस दिन उस बात को नजरअंदाज कर दिया।
लेकिन कुछ दिनों के बाद उसे लगने लगा कि बात तो सही है । इस ईमानदार मंत्री के चक्कर में मेरा नुकसान हो रहा है।
मुझे इस मंत्री को वाक्ये में बदलने की जरूरत है। एक दिन उसने तुरंत फैसला फैसला लिया और तुरंत उस मंत्री को मंत्री पद से हटा दिया।
अब किसे मंत्री बनाया जाए कौन जो है सारे बिजनेसेस देखेगा कौन जो है सौदे देखेगा । किसे वित्त मंत्री बनाएं । तो एक लड़का उसने देखा उसके समझ में बुद्धिमान देखा बुद्धिमान समझा उसका मंत्री रख लिया।
उस लड़के को मालूम था पुराने वाले को इसलिए हटाया क्योंकि प्रॉफिट उसको नहीं दे पा रहा था। जो नया लड़का आया उसका यही मकसद था । यही एक लक्ष्य था।
ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कमा के राजा को देना था। चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े राजा को खुश रखने के चक्कर में ये सब कुछ करने को तैयार था।
इसने एक पहला सौदा किया पहली डील की । और उसमें राजा को सीधा सीधा प्रॉफिट हो गया । ज्यादा ज्यादा प्रॉफिट हो गया। राजा बड़ा खुश हुआ राजा ने कहा क्या बात है ।
ये हुई ना बात ये है वित्तमंत्री असली वाला सच्चा वाला उसे इनाम दिया गाया उस लड़के को लगा कि क्या बात है।
मतलब पहली ही डील में इतना बड़ा इनाम मिल गया है मुझे और ही ऐसिही डील करनी होंगी। एक बार उस राज्य में एक घोड़ों का व्यापारी आया जो दूर किसी देश से आया था ।
उसके पास में तकरीबन हजार घोड़े थे । उसने आकर के कहा मुझे इन हजार घोड़ों का सौदा करना है मैं चाहता हूं।
आपके अस्तबल की शान बढ़ाए तो उस दिन वो मंत्री भी वही था नया वाला और राजा भी वहीं था ।
अब राजा की प्रेजेंस थी उसे लगा कि राजा साहब के सामने अपनी बुद्धिमानी दिखाने का बढ़िया मौका है। राजा साहब यही उपस्थित हैं।
तो क्यों ना कुछ कमाल की डील क्रय की जाए । तो उसने कहा कि ठीक है। आप का सौदा हम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन आपको बदले में सिर्फ और सिर्फ एक मुट्ठी चावल दे पाएंगे।
राजा बड़ा खुश हुआ क्या बात है सिर्फ एक मुट्ठी चावल के बदले 1 हजार घोड़े राजा ने शाबाशी दी और कहा कि तुम देख लेना ।
राजा ये बोलकर के वहां से चला गया । लेकिन व्यापारी ने कहा माफ कीजिए । ये सौदा नहीं हो पाएगा। मुझे थोड़ा सा वक्त दीजिए मैं सोचता हूं फिर कुछ करता हूं। कल एक बार फिर से मिलते हैं।
इस मंत्री ने कहा सोच लो इससे बढ़िया तुम्हें मौका मिलेगा नहीं और कल जब आओ तो हजार घोड़े इस तरफ देकर के जाना हमारी तरफ से एक मुट्ठी चावल ले कर के जाना ।
व्यापारी गया शाम में अपने तंबू पर जहां रुका हुआ था और जाकर के सोचने लगा क्या करूं मेरा जो मकसद था यहां आने का सब कुछ बर्बाद हो गया।
उसे किसी ने बताया कि यहां पर एक बुद्धिमान मंत्री थे आप एक बार उनसे मिलिए उनके जगह पर ये नया लड़का मंत्री बना है।
तो ये मिलने के लिए गया पुराने वाले मंत्री से उसको जाकर सारी बात बताई । पुराने वाले मंत्री ने कहा एक काम करो यह जो नया मंत्री बना है।
उसको जाकर के एक बढ़िया सा तोहफा दो और इससे जाकर के कहना साहब तोहफे के बदले में ये सब चाहिए कि कल आप दरबार में एक मुट्ठी चावल का मतलब समझा देना बस इतना सा चाहिए।
इस व्यापारी ने यही किया यह गया नए मंत्री के पास शाम में जा करके उसे गिफ्ट दीया बढ़िया सा और बढ़िया सा गिफ्ट देने के बाद में कहा कि आपसे बस इतना सा चाहिए।
कि कल आप दरबार में राजा साहब के सामने सबके सामने एक मुट्ठी चावल का मतलब समझा दीजिएगा की मोल क्या है।
अगले दिन दरबार लगा पुराना मंत्री भी पहुंचा सारे लोग वहां पहुंचे। भरे दरबार में ये व्यापारी पहुंचा राजा साहब माफ कीजिएगा सौदा तो बन नहीं पाया।
मैं अपने देश वापस जा रहा हूं आपने साधकर किया बड़ा अच्छा लगा आपके राज्य में आकर के लेकिन जाने से पहले यह जानना चाहता हूं।
एक मुट्ठी चावल का आपके राज्य में मोल क्या हैं । राजा ने सीधा इशारा अपने मंत्री के तरफ कहा की आओ और उसके बाद में कहा मंत्री जी बताइए आप बताइए । एक मुट्ठी चावल का मतलब क्या है?
अब मंत्री ने पिछली रात में ही उस व्यापारी से गिफ्ट लिया था । तो उसके ऊपर ये भी जिम्मेदारी थी की उस व्यापारी को भी खुश करना था। राजा साहब को तो खुश कर ही रखा था।
तो इस मंत्री ने कहा राजा साहब और भरे दरबार में जितने भी मंत्री हैं सम्मानीय लोग हैं व्यापारी जी आप भी सुनिए हमारे राज्य में एक मुट्ठी चावल का मतलब है ।
पूरा राज्य यह सारे महल यह सारी हवेलियां यह सब है एक मुट्ठी चावल हमारे राज्य के बराबर एक मुट्ठी चावल है।
जहां उसने ये कहा व्यापारी को खुश करने के लिए वही लोग हंसने लगे ठहाके मार के हंसने लगे ये क्या पागलपन है ।
और एक ने तो बोल दिया राजा साहब आप ये किस मूर्ख को मंत्री बना दिया । जिस राज्य को हम अनमोल मानते हैं उसका उसका एक मुट्ठी चावल से लगा रहा है।
राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ तुरंत उसको उस लड़के को मंत्री पद से हटाया पुराने वाले को मंत्री बनाया ।
पुराने वाले ने फिर से सौदा किया । और वो व्यापारी भी खुश होकर के अपने एक हजार घोड़े इधर दे करके चला गया ।
कहानी छोटी सी है लेकिन हमें सिखाती है । हम भी उस लड़के के तरह कभी-कभी बन जाते हैं।
सबको खुश करने के चक्कर में वो लड़का व्यापारी को खुश करना चाहता था राजा को खुश करना चाहता था। सबको खुश करने के चक्कर में वो खुद बर्बाद हो गया
कहते हैं ना दुनिया में ऊपर वाले से भी दुखी है इंसान को सबसे पहले खुद से खुश रहना चाहिए और अगर आप सबको खुश करने जाएंगे तो आखरी में आप पाएंगे की सबसे बड़ा नुकसान खुद का किया।
कभी भी आप इस दुनिया में सबको एक ही समय पर खुश नहीं रख सकते सबके अपने अपने विचार हैं
अपनी दुनिया है इसलिए अपनी दुनिया खुश करने के लिए सबसे पहले खुद को खुश करना शुरू कीजिए । वो देखिए जो आप करना चाहते है वो काम कीजिए जो आप खुशी देता है वो लक्ष्य देखिए जो आप पाना चाहते है सबको मैनेज करते चैंलेज तो आपका कुछ नई होने वाला
इसलिए आपसे कहता हूं की
खुद को खुश रखिए अपने खुशी के साथ ऊपरवाले के आशीर्वाद के साथ और सच्ची मेहनत के साथ।
कर दिखाओ कुछ ऐसा
दुनिया करना चाहे आपके जैसा।।
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