किसी ने कमाल की बात कही है
जो इंसान खुद के लिए जीता है उसका एक दिन मरण होता है।
लेकिन जो व्यक्ति दूसरों के लिए जीता है उनका हर दिन स्मरण होता है।।
नमस्ते दोस्तों मेरा नाम है Rjvijay
एक छोटी सी खूबसूरत कहानी यह कहानी एक गरीब पिता और उसकी बेटी की एक गरीब पिता अपनी बिटिया के साथ में एक महंगे होटल में पहुंचा अपने सहर के फटे पुराने कपड़े उस व्यक्ति ने पहने हुए थे उसकी बेटी ने स्कूल की ड्रेस पहने हुए थी स्कूल से सीधा उसको लेकर के आया था।
जब अंदर पहुंचे तो वेटर ने कहा की सर आप क्या खाना पसंद करेंगे आपका ऑर्डर बता दीजिए। तो उस व्यक्ति ने कहा आप मेरी बेटी के लिए एक प्लेट पाव भाजी लेकर के आ जाइयेगा,बस।
वेटर ने कहा सर आप कुछ नहीं लेंगे आपके लिए कुछ लेकर के आऊं । तो उस गरीब पिता ने कहा , मेरे लिए कुछ नहीं आज मेरी बेटी के लिए पार्टी है।
मैंने इससे वादा किया था कि अगर आप पूरे जिले में 10th क्लास में टॉप करेंगी तो मैं पार्टी दूंगा सबसे महंगे होटल में पाव भाजी खिलाऊंगा। तो आप बस बच्ची के लिए पाव भाजी ले आओ।
ये बात जब वेटर ने सुनी तो दौड़ करके अपने होटल के मालिक के पास जाकर के कहने लगा , सर एक छोटी सी दरखास्त है आप मेरी सैलरी में से पैसा काट लेना लेकिन आज मैं चाहता हूं।
कि वो बच्ची जो वहां टेबल पर बैठी है उस पिता के साथ में उस पिता को भी एक प्लेट पाव भाजी खिलाई जाए । उस बच्ची ने पूरे जिले में टॉप किया है सिर।
गरीब पिता है ज्यादा पैसे नहीं होंगे इसलिए कह रहे हैं कि बच्ची के लिए ले आओ । तो मैं चाहता हूं मेरी तरफ से और अंकल को भी खिलाई जाए ।
होटल के मालिक ने जब ये बात सुनी । तो कहने लगा क्या बात कर रहे हो छोटी सी तुम उस पिता के लिए भी पाव भाजी लेकर के जाओ ।
उसके लिए भी लेकर के जाओ पैसे मत लेना 3-4 पाव भाजी पैक करवा कर ले जाओ दो-तीन किलो मिठाई के डब्बे भी ले जाओ।
और कहना उनसे ये पार्टी जो है होटल की तरफ से है । हमारी बेटी ने पूरे जिले में टॉप किया है उनसे कहना मोहल्ले में मिठाई बांटिये जश्न मनाइए। चिंता मत कीजिए।
जब ये बात होटल के मालिक ने कही । तो वेटर खुश होते हुए गया उसने कहा वाह क्या बात है । कितने अच्छे मालिक के यहां नौकरी कर रहा हूं कितना अच्छा बंदा है दिलदार बंदा है।
वो लेकर के पहुंचा 2 प्लेट पाव भाजी । तो गरीब पिता देखकर के चौक गया। अरे ये क्या मैंने तो एक ही मंगाई थी। मेरे पास मेरे पास पैसे नहीं हैं।
वेटर ने कहा अरे सर शर्मिंदा मत कीजिए हमारी तरफ से आपकी बेटी ने हमारी बेटी ने टॉप किया है। ये मिठाई के डिब्बे 3-4 प्लेट और पैक कर दिया आप लेकर के जाइएगा 'जश्न मनाएगा '। पिता और पुत्री खुश हो गए ।
कई साल इस बात को बीत गए। कई सालों के बाद में वह जो बेटी थी । यूपीएससी (UPSC) के तैयारी करके कलेक्टर बन चुकी थी।
किस्मत थी ऊपर वाले का करिश्मा था कि उसी शहर में उसका आना हुआ वही कलेक्टर बनी। तो उसने सूचना पहुंचा दी उस होटल में कि मैं आने वाली हूं लंच करने के लिए कलेक्टर मैम आने वाली हैं।
होटल का मालिक जो था उसने वो पूरी होटल सजा दी की मैम आने वाली है कलेक्टर साहिब आने वाली हैं। गांव में बात फैल गई । उस कस्बे में जितने लोग थे तब पहुंच गए देखने के लिए।
कलेक्टर पहुंची अपने साथ में अपने पिता को लेकर के होटल के मालिक ये तो समझ नहीं पा रहे थे । इन्हें लगा कोई होगा कलेक्टर ने कहा, शायद आप पहचाना नहीं, हम वही पिता पुत्री हैं जब मैंने 10th क्लास में टॉप करने पर आपने पार्टी दी थी।
हम वही पिता पुत्री हैं जो आज फिर से आए हैं और आज पार्टी हम देंगे आपको और आपके पूरे स्टाफ को पूरे शहर को आपने गरीबी का सम्मान किया ।
आपने उस दिन दी मुझे बताया कि कितनी और ऊंचाई तक पहुंचना है और बड़ी मंजिल को छूना है। आपने एक नई प्रेरणा दी थी और आज मैं उसी प्रेरणा का एहसान चुकाने के लिए आई हूं।
वो मैडम जी कहती जा रही थी और आंख से आंसू बहते जा रहे थे। होटल का मालिक और बेटर जो थे हाथ जोड़कर के खड़े थे। और कह रहे थे क्या बात है ऊपरवाले का आशीर्वाद है।
छोटी सी कहानी है लेकिन सिखाती है कभी भी किसी गरीब का मजाक मत उड़ाना हो सके तो उसकी मदद करना मदद ना कर सको तो मजाक मत उड़ाना । क्योंकि वो सब देख रहा है । बनना है तो उसकी नजर में अच्छा बनिए।
एक बार फिर से वही बात जो अक्सर आप से कहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ अपनी सच्ची मेहनत और अपनों के प्यार के साथ ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ।
कर दिखाओ कुछ ऐसा ।
दुनिया करना चाहे आपके जैसा।।
By rjvijay
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