किसी ने बड़े कमाल की बात कही है।
Life goes on keep going
एक बार फिर से कहना चाहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ अपनी सच्ची मेहनत
जीवन की रण मेंं खुद ही श्री कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है।
रोज अपना ही सारथी बनकर जिंदगी की महाभारत से लड़ना पड़ता है।।
आपका स्वागत है एक नई कहानी में आज जन्माष्टमी पर एक नया कहानी सुनाने जा रहा हूं ये काफी कुछ सिखाएगी।
कहानी शुरू होती है एक बिजनेसमैन से जो अपने बिजनेस को लेकर काफी चिंता किया करता था।
क्या होगा आने वाले कल में कैसे काम आगे बढ़ेगा बच्चा संभाल पाएगा या नहीं संभाल पाएगा उनका एक लड़का था वो काफी बार कहता था कि पापा मुझे मौका दो मुझे भी बिजनेस करना आ गया है।
मुझे भी एक बार संभालने दो। लेकिन वह व्यक्ति एक बार भी मौका नहीं देता था।
एक दिन यह बिजनेसमैन को दिल का दौरा थोड़ा हार्ट अटैक की वजह से हॉस्पिटलाइज हुआ हॉस्पिटल मैं भर्ती था बच्चा दौड़ करके पहुंचा देखा पापा एडमिट है डॉक्टर ने कहा थोड़ा अब पहले से ठीक है धीरे-धीरे रिकवर होंगे ।
इस लड़के ने अपने दोस्त को कॉल किया की आजा भाई मेरे पापा हॉस्पिटल में एडमिट है।
दोस्त आ गया उसने पूछा क्या हो गया पापा को
उसके बाद यह जो बिजनेसमैन का लड़का था। इसने कहा चल ना बाहर चल कर आते हैं।
बहुत देर हो गई यार, अस्पताल से जब बाहर निकले तो एक आइसक्रीम वाला दिखाई दिया बिजनेसमैन के लड़के ने कहा। आजा भाई आइसक्रीम खाते हैं।
वो लड़का चौक गया जो उसका दोस्त है यह क्या पागलपन है पापा अंदर भर्ती हैं ये यहां आइसक्रीम खा रहा है।
आइसक्रीम खरीदी उसके बाद खाने लगे।
वो जो दोस्त था उससे रहा नहीं गया उसने पूछ लिया भाई समझ नहीं आ रहा है। तुम्हारे बिजनेस का क्या होगा आने वाले कल मै तेरे पापा एडमिट हो गए हैं उनके तबीयत ठीक नहीं है दिल का दौरा पड़ा है हार्ट अटैक हुआ है और तू यहां आइसक्रीम खा रहा है मुझे समझ नहीं आ रहा है।
वो जो लड़का था उसने जो बात कही वो ध्यान से सुनिए गा मुझे मालूम है तु ये जो सोच रहा है कि मेरे पापा एडमिट हैं और आइसक्रीम चल रही है मजे से चल रहे हैं।
मैं भगवान श्री कृष्ण का बहुत बड़ा भक्त हूं तो उनकी दो बातें जिंदगी में याद रखता हूं।
पहली बात जो हम सबको मालूम है ।
काम करना है फल की चिंता नहीं करना है।
जो होगा देखा जाएगा अपने काम पर फोकस करूंगा। बिजनेस भी अच्छा चलेगा।
दूसरी बात, मैं तुम्हें कहानी सुनाता हूं अब समझ में आ जाएगी भगवान श्री कृष्ण की जो पत्नी थी मां रुकमणी इनका विवाह हुआ उनका बड़ा बेटा उसका नाम प्रद्युम्न था।
और प्रद्युम्न के जन्म के 10 दिन के बाद प्रद्युम्न का अपहरण हो गया छोटे बच्चे का मां रुकमणी नाराज हो गई उदास रहने लगी ये क्या हो गया भगवान श्री कृष्ण कहते थे चिंता मत करो प्रद्युम्न जहां भी होगा ठीक होगा तू स्वस्थ रहा करो मस्त रहा करो, लेकिन इसी चिंता में रुक्मणी जी के साल बीत गए। 18 साल के बाद में प्रद्युम्न की वापसी हुई और जब प्रद्युम्न वापस द्वारिका आए तो उनकी पत्नी मायावती थी।
समस्या यह थी कि जो मायावती थी उसकी उम्र 20 साल ज्यादा थी प्रद्युम्न से मधु कुमारी पहले तो खुश हुई कि बच्चा वापस आ गया फिर दुखी हुई की इतनी बड़ी लड़की से शादी करके आ गया भगवान श्री कृष्ण के पास जाकर कहने लगे कि ये क्या हो गया है ।
भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि जो हो गया है उसे स्वीकार कर लो चिंता मत करो लेकिन मां रुकमणी कहती थी कि बड़ी लड़की से शादी कर ली यही मिली थी ये वो पता नहीं बहुत सारी बातें वो स्वीकार नहीं कर पा रही थी उदास हुए जा रही थी दुखी हुए जा रही थी।
1 साल 2 साल समय बिता जा रहा था लेकिन अंदर ही अंदर वो बात कचौड़ ती रही।
8 साल के बाद में रुकमणी जी ने स्वीकार कर लिया के प्रद्युम्न ने जो शादी करी वो ठीक है ।
ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है।
शादी को उन्होंने स्वीकार कर लिया एक तरीके से अपनी जिंदगी के 26 साल उन्होंने उदासी में बिता दिए।
यह कहानी खत्म करते हुए वो लड़का बोला की भाई मैंने भी जिंदगी में स्वीकार करना सीख लिया है।
क्योंकि भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जो हो रहा है उसे स्वीकार कर लो जिंदगी अपने आप सहज हो जाएगी।
छोटी सी कहानी
जो दो बड़ी बात सिखाती है और यही बातें मैं आप तक पहुंचाना चाहता हूं जिंदगी में जो हो रहा है
Life goes on keep going
जिंदगी चलती चले जाती है आप भी चलते रहिए
जो होगा अच्छा होगा अच्छे के लिए होगा
एक बार फिर से कहना चाहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ अपनी सच्ची मेहनत
और अपनों के प्यार के साथ
कर दिखाओ कुछ ऐसा
कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा
By rjvijay
Motivational story
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