किसी ने बड़े कमाल के बात कही है
दरिया बनकर किसी को डुबोने से अच्छा है
जरिया बनकर उसे से बचाया जाए।।
नमस्ते दोस्तों मैं हूं Rjvijay
एक बहुत ही खूबसूरत कहानी है
एक सज्जन रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म पर इंतजार कर रहे थे।
अपनी ट्रेन का उनकी ट्रेन उस दिन देरी से चल रही थी ।
एक लड़का आया बूट पॉलिश करने उनको बोलने लगा उसने मना कर दिया 15,20मिनट के बाद फिर से आ गया ।
ये थोड़े चिड्हे लेकिन फिर उसने उसकी हालत देखी कमजोर सा था ऐसा लग रहा था बड़ा बीमार सा है।
तो इनको दया आ गई तो बोला टीक हैं भाई बूट पॉलिश कर दो और जो पॉलिश करने लगा तो।
उन्होंने कहा चमकाना अच्छे से एसे नई की काम करके निकल लिए मैंने बहुत देखे है पैसे लेकरके निकल जाते है।
काम नई करते है ।बहुत कुछ उसे कहने लगे । वो बेचारा पॉलिश करने लगा धीरे धीरे कमजोर था बीमार सा था ।
पॉलिश तो इस से हो नहीं पा रही थी।
कह रहा था की फालतू के पैसे वेस्ट हो गए मुझे करवानी ही नई थी ।
और ये उसे बोलने लगे जब तुमसे काम होता नई है तो तुम काम करते क्यों हो क्यों दूसरे का टाइम वेस्ट कर रहे हो पैसा वेस्ट कर रहे हो निकलो यह से । उसे झिड़ककर के डाट कर के भागने वाले थे की तभी वाहा एक दूसरे लड़के के एंट्री होती है उस सीन में और वो आकर के इनके बुट पोलिस करने लगता है बड़े अच्छे से चमका देता है ।बहुत अच्छे से तन मन धन वाली जो फिलिंग होती है ना एकदम प्रेस्नेलिटी वाली उस बूट को पॉलिश करता है।
एकदम चमक जाता है मैं जैसा हो जाता है।
ये बड़े खुश हो जाते हैं। वाह ये हुई ना बात । अब इनके सामने पैसे देने के बात थी। पैसे देने के बाद आती है।
देखते हैं दो लड़के बैठे हैं। तो ये सोचने लगते हैं। पैसे किसे दूं। बात तो इससे हुई थी जो कमजोर सा दिख रहा है।
लेकिन काम इसने किया है ।तो काम जिसने किया है। इन्होंने उसको पैसे दे दिए और फिर दिन के अंदर से आवाज आई ये सही किय तुमने लेकिन इन्होंने जिनको पैसे दिए जिन्होंने काम किया। उस लड़के ने उस पैसे को अपने दोस्त को दे दिया।
जो कमजोर सा था बीमार था उसकी पीठ थपथपाई उसको कहा जाओ किसी और को ढूंढो वो जाने लगा ये वाला लड़का भी जाने लगा तब इन साहब से रहा नहीं गया इसने बुलाया इधर आओ भाई बूट तुमने पॉलिश की बड़े अच्छे से पॉलिस की मजा आया नए जैसे दिख रहे हैं।
काम तुम्हारा था मेहनत तुम्हारे थी तुमने पैसे उसको क्यों दे दिए वैसे तो तुम्हारा थे।।
उस लड़के ने कहा साहब क्या बताऊं अभी 3, 4 महीने मेरा दोस्त गिर गया था चलती ट्रेन से इसके हाथ पैर टूट गए थे।
बीमार है तब से लेकिन स्वाभिमानी है साहब भीख नहीं मांगना चाहता इसके घर में बूढ़ी मां है बहने हैं चर्चा चलाना है
इसलिए आ जाता है सुबह-सुबह बूट पॉलिस करने के लिए हमने इसे समझाया मत कर लेकिन मान नई रहा है। हमारा बूट पॉलिश करने वालों का एक समूह है एक ग्रुप है सर और उसमें एक अंकल है बूढ़े चाचा हैं वे हमें समझाते हैं । सिखाते हैं अच्छी-अच्छी बाते हमें अच्छी-अच्छी बातें सुनकर आते हैं हमें सुनाते हैं कैहते हैं सुनो हम सबको मिलकर के इस कमजोर वाले लड़के का खयाल रखना है ये बीमार हो गया है
इसकी मदद करनी है यह जहां कहीं पॉलिश कर रहा है।
तुम भी पहुंच जाओ और इसकी जगह पर तुम पॉलिश कर दो पैसे इसको दे दो शिक्षा हमको उन्होंने ही दी है और तब से हम यही कर रहे हैं जहां कहीं ये दिख जाता है कोई ना कोई वहां आसपास होता है वह तुरंत ईसका काम कर देता है। इसको पैसे दे देता है। तो बस सर मदद कर रहे हैं। ऐसा बोल कर के ये वहां से जाने लगा ।
इन साहब ने फिर उसको रोका, रुको रुको थोड़े और पैसे लेकर के जाओ उसका इलाज करवाना और कोई मेरे लायक सेवा हो तो बताना।
बहुत छोटी सी कहानी है लेकिन समझती है सिखाती है
जब बूट पॉलिश करने वालो का ग्रुप यह बात समझ सकता है कि मुस्कान बांटने से मिलती है।
तो हम भी समझ सकते हैं जब वो लोग समझ सकते है हम एक दूसरे की मदद करनी है एक दूसरे का साथ देना है।
तो हम भी समझ सकते हैं और हम इसे इंप्लीमेंट कर सकते हैं।
हम सब इस दुनिया के ऐसे समंदर में खड़े हैं जहां बड़े बड़े लहरे है । उनका सामना हमें हाथ पकड़कर करना है
इसीलिए मैं अक्सर आप से कहता हूं
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