किसी ने कमाल की बात कही है की बहुत ढूंढा की पूजा श्लोक स्तुति में ।
अंत में अंत में प्रभु मिले प्रेम सेवा इस्नेह और सहानुभूति में।
नमस्ते दोस्तों मैं हूं आपका दोस्त Rjvijay
एक राजा की कहानी जिसका कोई बेटा नहीं था पुत्र नहीं था।
बहुत परेशान था अंत में उसे कोई बोला आप तांत्रिक के पास चले जाइए उनके पास में उपाय होते हैं।।
तो तांत्रिकों के पास में गया राजा उन्होंने कहा आपको एक छोटे बच्चे की बलि देनी होगी उसके बाद आपको पुत्र प्राप्त होगा राजा को उपाय समझ में आ गया पुराने जमाने की कहानी उस समय प्रथा चलती थी राजा ने पूरे राज्य में ढिंढोरा पिटवा दिया कोई भी एक छोटा बच्चा राजा को लाकर दे सकता है ।
जो भी लाकर देगा उसे उसके परिवार के बदले में मनचाहा धन मिलेगा बहुत सारा पैसा दिया जाएगा उस राज्य में एक गरीब परिवार रहा करता था । और उनके बहुत सारे बच्चे थे उन्होंने सोचा एक बच्चा है बहुत ही निकम्मा है।
नकारा है कोई काम तो करता नहीं है उसको दे देते हैं जाकर के राजा को हमारे किसी काम का नहीं है बलि अगर चढ़ भी जाएगी मर भी जाएगा तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा बदले में बहुत सारा पैसा मिलेगा।
यह सोच कर के उस परिवार वालों ने राजा को सौंप दिया तांत्रिक आ गए राजा को बुलाया गया बच्चे को बुलाया गया सारी तैयारी किया गया बच्चे की बलि चढ़ाने की राजा ने उस बच्चे से पूछा कि आपके कोई आखिरी इच्छा है।
तो बच्चे ने कहा हां है मुझे थोड़ी रेत ला कर के दे दीजिए मिट्टी ला करके दे दीजिए राजा को समझ में नहीं आया पता नहीं क्या करेगा इच्छा पूरी कर किया गया रेत लाया गया उस बच्चे ने उस रेत का मिट्टी को मिला करके चार छोटे-छोटे महल बना दिया और महाल बना देने के बाद एक के बाद एक उसने तीन महल तोड़ दिया चौथा वाला जो था ।
उसमें हाथ जोड़ कर के बैठ गया प्रार्थना करने लगा और उसके बाद उसने प्रार्थना पूरी की उसने कहा ठीक है बलि चढ़ा दो तांत्रिक चौक गए राजा डर गए कि क्या कर रहा है तांत्रिक को कौन सी विधि कर दी राजा ने पूछा कि आपने यह क्या किया उस बच्चे ने कहा कि कुछ भी नहीं बस तीन महल थे तोड़ दिया
चौथे वाले में प्रार्थना की राजा ने पूछा कि थोड़ा बताओ समझ नहीं पाया तो बच्चे ने कहा कि पहला महल बनाया अपने माता-पिता का था माता पिता की मम्मी पापा की जिम्मेदारी थी वह मेरी रक्षा करते हैं।
लेकिन उन्होंने पैसे के लिए मुझे बेच दिया दूसरा महल रिश्तेदारों का था सगे संबंधियों का था उनकी जिम्मेदारी थी कर्तव्य था कि मेरे मां-बाप सिखाते समझाते कि ऐसा ना करें उन्होंने भी नहीं समझाया तो उस महल को भी तोड़ दिया तीसरा महल जो था।
वह राजा का था आपका था राजा का कर्तव्य होता है कि प्रजा की रक्षा करें आपने तो मेरी बलि चढ़ाने की तैयारी करनी है ।
आपका महल भी मैंने तोड़ दिया और चौथा महल जो है वह भगवान का है प्रभु का है उनके सामने मैंने प्रार्थना की और उनसे कहा कि आप देख लेना बस यही था राजा ने जब यह जवाब सुना तो अंदर तक हिल गया चौक गया डर गया उसे लगा कि पता नहीं इस छोटे बच्चे का बोली देने का पुत्र प्राप्त होगी कि नहीं होगी राजा जो था वह इतना घबरा गया कि उनके मन का विचार बदल गया उसने सोचा कि पुत्र प्राप्ति होगी कि नहीं होगी यह तो भविष्य की बात है ।
क्यों नाइस समझदार बच्चे को ही गोद ले लेता हूं और अपना बेटा मान करके राजकुमार घोषित कर देता हूं राजा ने बिल्कुल वही किया उस बच्चे को गोद लिया और अगला राजकुमार घोषित कर दिया छोटे से कहानी है लेकिन सार यही है ।
कि जीवन में सब तरह से रास्ते बंद हो जाए दरवाजे बंद हो जाए एक दरवाजा हमेशा खुला रहता है वह है।
प्रभु का वह कभी भी किसी का अहित नहीं सोचते हैं बस उन पर विश्वास रखना शुरू कीजिए स्नेह के साथ उनकी श्रद्धा के साथ आराधना करना शुरू कीजिए और आपस में प्यार बांटते चलिए सहानुभूति बनाए रखें ।।
एक बार फिर से वही बात आपसे कहना चाहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ अपनी मेहनत और प्यार के साथ ।।
कि कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा
Rj vijay
Motivational story
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