किसी ने कमाल की बात कही है।।
अगर जिंदगी में संकट का हर दरिया पार होगा ।
थोड़ी हिम्मत रखिए देखना एक दिन चमत्कार भी होगा।।
हाय गाइस मेरा नाम है rjvijay
एक छोटी सी कहानी यह कहानी है
एक अमीर सेठ की एक सिटी के सबसे अमीर सेट थे बहुत सारा पैसा था बहुत सारे बिजनेसेस चल रहे थे बहुत सारे फैक्ट्री के मालिक थे कहीं कोई कमी नहीं हर तरीके से संपन्न थे।
एक दिन अपने फैक्ट्री का दौरा कर शाम में घर वापस लौटे बड़ा सा बंगला आलीशान बंगला उन्होंने देखा कि घर वाले सब पूजा पाठ कर रहे थे।
शाम का वक्त था आरती चल रही थी सेठ जी को भगवान से थोड़ी डिस्टेंस बनाने में मजा आता था नास्तिक टाइप के थे वह दूर रहते थे।
अपने कमरे में चुपचाप चले गए जाकर अपना हिसाब किताब करने लगे एनालाइज करने लगे क्या सही हुआ क्या गलत हुआ ।
नौकर को बुला कर के कहा कि मेरे लिए कॉफी लेकर आ जाओ नौकर गया कॉफी तैयार के लिए अचानक से सेठ जी को दर्द होने लगा सीने में बेचैनी महसूस होने लगी।
वापस नौकर को बुलाया और कहा एक काम करो फटाफट डॉक्टर्स को बुलाकर ले आओ कॉफी बाद में बनाना उस सिटी के टॉप हॉस्पिटल के डॉक्टर सारे के सारे आ गए जान से करें बहुत सारे रिपोर्ट आए मालूम चला सेठ जी हर तरीके से परफेक्टली फाइन थे सेठ जी ने कहा मुझे तो अभी भी बेचैनी हो रही है मेरे लिए तो दवाइयां लिखिए डॉक्टर न कहा आप ठीक हैं कहां परेशान हो रहे हैं।
फिर भी सेठ जी का मन था वह अंदर ही अंदर अजीब सा महसूस कर रहे थे डॉक्टर ने दवाइयां लिख दी और साथ में नींद की गोली लिख दे अगर नींद ना आए तो खा लेना लेकिन आज आप आराम करना किसी बात की वजह से शायद आप परेशान है ।
ईसीलिए बेचैनी हो रही है नौकर ने खाना तैयार किया डॉक्टर दवाइयां लेकर आ चुका था सेठ जी ने दवाई ली सोने के लिए बिस्तर में चले गए लेकिन नींद नहीं आ रही थी करवट बदल रहे थे बिस्तर से उठ करके नींद की गोली भी ले ली लेकिन तब भी नींद नई आ रही थीं बहुत देर हो गए थे गोली घड़ी उठा करके देखा तो रात के 3:00 बज रहे थे सन्नाटा था हर तरफ शांति थी उन्हें लगा कि वैसे इस बंद कमरे में घुटन हो रही होगी कमरे से बाहर निकले अपने आलीशान बंगले मैं गए और गार्डन में टहलने लगे लेकिन उसे वहां भी सुकून नहीं मिला सुकून नहीं आ रहा था उन्होंने सोचा कि थोड़ा बाहर टहल कर के घर से बाहर निकल गए कॉलोनी में सड़क पर टहलते टहलते बहुत दूर चले गए इतने खयालों में खोए हुए थे फैमिली को लेकर के बिजनेस को लेकर के पता नहीं क्या पचास बातें चल रही थी के घर से कब दूर आ गए मालूम ही सड़क किनारे एक चबूतरा था वहां जाकर बैठ गया चबूतरा के नीचे चप्पल उतार दी आराम से बैठे थे इसके बाद बचपन को याद कर रहे थे उन दिनों को याद करने लगे जब स्ट्रगल किया करते थे लाइफ में कुछ नहीं था वह सारे दिन याद आने लगे सेठ जी अपने ख्यालों में थे तभी वहां एक कुत्ता आया और उनकी एक चप्पल अपने मुंह में दबाकर भाग गया सेठ जी ने देखा तो फटाफट उस कुत्ते के पीछे भागे अपने चप्पल छुड़वाने के लिए कुत्ता दौड़ता दौड़ता पास में जुग्गी झोपड़िया थी वहां जाकर के चला गया उस कुत्ते के पीछे पीछे गए आवाज लगाई वह कुत्ता थोड़ा डरा उसने अपने मुंह में से उस चप्पल को नीचे गिराया और वहां से खिसक लिया सर जी ने दूसरी वाली चप्पल भी पहनी और वापस अपने घर आने के लिए तैयार हो गए उन्हें याद आया कि घर भी तो चलना है कितनी देर से बाहर बैठा हूं तभी उन्हें किसी के रोने की आवाज आने लगी सेठ जी ने आसपास देखा तो एक झोपड़ी मैं से रोने की आवाज आ रही थी एक महिला की रोने की आवाज आ रही थी तकरीबन सुबह के 4:00 बज रहे थे काफी देर हो चुकी थी सेठ जी ने सोचा कि क्या करूं जा करके पूछो कि क्या बात है या फिर अपने घर चले जाऊ उनके मन ने कहा घर चलते हैं कहां फालतू के पंगे में पड़ते हैं अपना काम करना है हम अपने काम से काम रखते हैं सेठ जी घर तरफ चलने के लिए आगे बढ़े 4-5 कदम आगे बढ़ाएं फिर मन में दूसरा ख्याल आया की एक बार जाकर पूछ लूं पता तो कर लूं बात क्या हैं। झोपड़ी के पास गए झांक कर देखा तो वाकई में एक महिला रो रही थी दीवार से वो जो झोपड़ी की दीवार थी सर पटक पटक कर रो रही थी सेठ जी ने हिम्मत करके दरवाजा खटखटाया उस महिला ने दरवाजा खोला सर जी ने सबसे पहले कहां बहन जी माफ करना गलत मत सोचना मैं बस यहां से गुजर रहा था मुझे आप के रोने की आवाज आई आप क्यों रो रही थी क्या बात है आप क्यों परेशान हैं तो उस महिला ने बताया कि बाबूजी क्या बताऊं यहां पर देखिए मेरे 7 साल की बच्ची है सोई हुई है यह बीमार है डॉक्टर कह रहे हैं ऑपरेशन के लिए बड़ा खर्चा होगा लेकिन कोई मुझे पैसे नहीं दे रहा है कोई भी मदद करने के लिए तैयार नहीं है सेठ जी ने इसमें रोने से क्या होगा रोने से पैसा थोड़ी ना मिल जाएगा रोने से कोई थोड़ी ना आपकी मदद कर देगा और ये सुबह-सुबह क्या रो रही हैं इससे कुछ नहीं होने वाला आपको मदद जहां आप काम करती हैं कहां आप काम करती हैं तो उस महिला ने बताया कि मैं तो घर घर जाकर के झाड़ू पोछा करती हूं तो सेठ जी ने कहा उनसे मदद मांग लेती रोने से कुछ नहीं होने वाला तो उस महिला ने कहा कि रो तो इसलिए रही थी कि कल बाबा जी यहां से निकले थे उन्होंने कहा था कि सुबह 4:00 कल रोना शुरू करना और ऊपर वाले को याद करना लगातार प्रार्थना करना देखना चमत्कार होगा इसलिए मैं रो रही थी कि शायद वह बाबा जी की बात सच हो जाए ऊपरवाला मेरे सुन ले सेठ जी ने जब यह सुना उनका दिल पिघल गया उन्होंने फटाफट कॉल किया एंबुलेंस आई डॉक्टर्स को कॉल किया इस बच्ची का ऑपरेशन होना है जितना खर्चा होना है वह सब आप मुझसे लेना आप इस बच्ची को ठीक कर दो स्वस्थ कर दो और उस महिला को कहा आप कल से ही मेरे यहां नौकरी शुरू कीजिए मेरे पास बहुत सारी फैक्ट्रियां है आपको जहां काम करना है वहां काम शुरू कीजिए उस महिला को रहने के लिए अपना सर्वेंट क्वार्टर भी दे दिया सेठ जी की वो जो बेचैनी थी उसी वक्त खत्म हो गई थी जब उन्होंने एंबुलेंस को कॉल किया डॉक्टर से बात की लेकिन मन में एक शंका थी एक डाउट था जो लगातार चल रहा था सेठ जी सोचने लगे मैं ऊपर वाला से इतनी डिटेंस रखता हु नास्तिक हूं मुझे मतलब ही नई हे लेकिन वाक्य में ऊपरवाला है ये क्या चक्कर है बाबा जी ने कहा 4 बजे रोना शुरू करना मैं वहा किस्मत से पहुंच गया और मैने उस महिला की मदद कर दी ।सेट जी के मन हो 50 खयाल आने लगे । दूसरा खयाल आया की वाक्य में ऊपरवाला है तो हम नीचे वाले जो लोग है क्यों लड़ रहे है क्यों लडा रहा है धर्म के नाम पर जात पात के नाम पर उस महिला से मैने जाति पूछी उसने मेरी जाति पूछी ना हमने एक-दूसरे के जाति पूछी ऊपर वाले ने भी हमारे जात पात के बारे में नहीं सोचा बस मुझे जरिया बनाकर वहां भेज दिया सेठ जी को उस दिन समझ आया की लाइफ में वे काम में बड़ा विश्वास रखते हैं कर्म किए जाओ वह काम करेंगे तो रिजल्ट उस दिन एक और बात समझ आई के काम के साथ-साथ वर्क हॉर्लिक के साथ-साथ दूसरों की मदद करना वह hamyuniti का भाव रखना भी जरूरी है सेठ जी को उस दिन समझ आया कि मैंने जब किसी को मदद किया मुझे सुकून मिला वो जो अंदर की बेचैनी थी वह खत्म हो गई दुनिया में ऊपर वाले ने एक धर्म बनाया जिसे हुमननिट्टी कहते हैं मानवता कहते हैं इंसानियत कहते हैं।
यह कहानी काफी कुछ सिखाती है
पहली बात तो सिखाती है कि आप भरोसा रखेंगे तो चमत्कार जरूर होगा।
दूसरी बात सिखाती है
जिंदगी में एक दूसरे का मदद करते चलेंगे तो आपकी मदद ऊपरवाला करेग
और तीसरी सबसे बड़ी बात सिखाती है कि
जिंदगी में ज्ञान बांटने से हमेशा कुछ नहीं होता मुस्कान भी बांटना जरूरी होता है
इसलिए Rjvijay
हर कहानी में के आखरी में कहता है। ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ। अपनी मेहनत के साथ।अपनों के प्यार के साथ।
कर दिखाओ कुछ ऐसा।
दुनिया करना चाहे आपके जैसा।।
By rjvijay
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